Yarsagumba Himalayan Viagra : यार्सागुम्बा की सबसे बड़ी अनोखी बात यह है की होता तो यह एक कीड़ा है पर इसे आयुर्वेदिक जड़ी बूटी की श्रेणी में रखा जाता है। यह हिमालय के ऊँँचे इलाको में मिलता है। इस कीड़े की सबसे बड़ी खासियत यह है की इसमें सेक्स पावर बढ़ाने का गुण होता है इसलिए इसे हिमालयी वियाग्रा कहा जाता है। इसका कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होता है जबकि वियाग्रा दिल के मरीजों के लिए जानलेवा साबित होती है। इसके अलावा इसका उपयोग सांस और गुर्दे की बीमारी में होता है, यह बुढ़ापे को भी बढ़ने से रोकता है तथा साथ ही शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति भी बढ़ाता है।
यार्सागुम्बा एक कीड़ा है जो समुद्र तल से 3800 मीटर ऊँचाई पर हिमालय की पहाड़ियों में पाया जाता है। वैसे तो यह कुछ मात्रा में भारत और तिब्बत में भी मिलता है पर मुख्यतः यह नेपाल में पाया जाता है। यह कीड़ा भूरे रंग का होता है जिसकी लम्बाई लगभग 2 इंच होती है। इसका स्वाद खाने में मीठा होता है।
यह कीड़ा यहाँ उगने वाले कुछ ख़ास पौधों पर ही पैदा होते है तथा इनका जीवन काल लगभग छः महीने होता है। सर्दियों में इन पौधों से निकलने वाले रस के साथ ही यह पैदा होते है। मई-जून में यह कीड़े अपना जीवन चक्र पूरा कर लेते है और मर जाते है। मरने के बाद यह कीड़े पहाड़ियों में घास और पौधों के बीच बिखर जाते है।
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यार्सागुम्बा के इन्ही मृत कीड़ों का उपयोग आयुर्वेद में किया जाता है। चुकी भारत में यह जड़ी बूटी प्रतिबंधित श्रेणी में है इसलिए इसे चोरी छुपे इकटठा किया जाता है। नेपाल में भी 2001 तक इस पर प्रतिबंध था पर इसके बाद नेपाल सरकार ने प्रतिबंध हटा लिया। अब नेपाल सरकार ने इसके उत्पादक क्षेत्रों में यार्सागुम्बा सोसायटी बना दी है जो की लोगो से यार्सागुम्बा को लेकर आगे बेचती है। बीच में नेपाल सरकार प्रति किलोग्राम 20000 रुपए रॉयल्टी वसूलती है।
मई – जून में नेपाल में यार्सागुम्बा को इकठ्ठा करने की होड़ मच जाती है और गाँव के गाँव खाली हो जाते है। लोग पहाड़ों पर ही टेंट लगाकर रहते है और इसे इकठ्ठा करते है। यार्सागुम्बा को इकठ्ठा करना नेपाली लोगों के लिए काफी फायदे का सौदा है इससे वो 2500 रुपए प्रतिदिन तक कमा लेते है। हालांकि लोगो को इसे यार्सागुम्बा सोसायटी को बेचने के लिए ही पाबन्द किया जाता है पर कुछ लोग ज्यादा मुनाफे के लालच में इसे तस्करों को भी बेच देते है क्योंकि सेक्स पॉवर बढ़ाने के गुण के कारण इसकी विदेशों खासकर चीन में काफी मांग रहती है। अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में इसकी कीमत लगभग 60 लाख रुपए प्रति किलो है।