जिस व्यक्ति के शरीर में दाद निकलता है तो यह सबसे पहले सिर, हाथ-पैर, जांघ, गाल, दाढ़ी, लिंग, पेट या अण्डकोष में होता है। दाद होने पर सबसे पहले रोगी के दाद वाले स्थान पर तेज जलन होती है और फिर खुजलीदार छोटे-छोटे दाने से निकल आते हैं। शरीर में जिस स्थान पर दाद होता है वो स्थान सूजा हुआ सा अलग ही नजर आता है।
दाद के घरेलू उपचार:
- दाद होने पर 12 ग्राम नीम के पत्तों का रस रोजाना पीने से दाद ठीक हो जाता है।
- नीम के पत्तों को दही के साथ पीसकर दाद पर लगाने से दाद बिल्कुल खत्म हो जाता है।
- दाद को खुजालकर उस पर नीम का तेल लगाने से दाद में लाभ होता है।
- अप्रैल के पहले हफ्ते में 30 ग्राम नीम की कोंपलों (नये मुलायम पत्ते) को पीसकर पानी में मिलाकर रोजाना पीने से दाद ठीक हो जाता है।
- नीम की लकड़ी को गीला करके आग में जला लें। जलने पर इसके आस-पास से पानी निकलता है। इस पानी को दाद पर लगाने से दाद कुछ ही दिनों में समाप्त हो जाता है।
- नीम के पेड़ के 8 से 10 पत्तों को दही में पीसकर लेप करने से दाद समाप्त हो जाता है।
- नीम के पत्तों के रस में कत्था, गंधक, सुहागा, पित्त पापड़ा, नीला थोथा व कलौंजी को बराबर मात्रा में पीसकर गोली बनाकर पानी में घिसकर दाद पर लगाने से दाद मिट जाता है।