• मनुष्य के जीवन में स्वास्थ्य की बहुत महत्वता है. इसके लिए हमें अच्छा और पाचक भोजन करने की भी सलाह दी जाती है. सरकार ने भी बाजार में बिकने वाले खाद्य पदार्थों पर उनकी एक्सपायरी यानी कि इस्तेमाल की अंतिम तिथि को लिखना उत्पादकों के लिए अनिवार्य किया हुआ है. फिर भी कई वस्तुएंं ऐसी होतीं हैं जिनकी एक्सपायरी जाने बिना ही हम उनका सेवन कर लेते है. इसका कारण होता है कि उनपर एक्सपायरी डेट नहीं लिखी है।

इन वस्तुओं को देखकर लें

  • कुछ वस्तुओं पर एक्सपायरी डेट नहीं लिखी होती है. जैसे की फल और सब्जियां. जब हम एक्सपायर्ड चीजों को गलती से खा लेते हैं, तो बीमार भी पड़ जाते हैं. 
  • इसलिए चीजों को ताजा ही खाना चाहिए. मिसाल के तौर पर, कई बार आपकी रसोई में आलू के साथ हरे आलू भी मौजूद होते हैं और आप इन्हें खा लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं, इन्हें खाना जहर खाने समान है.

क्यों नहीं खाना चाहिए ऐसे आलू

  • अगर आप भी हरे आलू का सेवन कर लेते है. तो सावधान हो जाइए. अक्सर देखा गया है कि जब आलू बाहर से हरे हो जाते हैं तो लोग उसका छिलका उतारकर अंदर वाला हिस्सा खा लेते हैं. लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि जब आलू हरा हो जाता है तो उसमें क्लोरोफिल बनने लगता है. क्लोरोफिल से फिर सोलुनिन नाम का एक टॉक्सिन बनने लगता है. 
  • अगर कोई इस इन्फेक्टेड आलू को खा लेता है तो उसका जी मचलने लगता है और पेट खराब होने के चांसेज भी बढ़ जाते हैं. साथ ही आप बीमार भी पड़ सकते हैं.

क्यों बदल जाता है आलू का रंग?

  • अगर बात की जाय की आलू का रंग कैसे बदल जाता है तो बता दें कि जब इन पर लाइट पड़ती है या इन्हें बहुत ही ज्यादा गरम या ठंडे तापमान में रखा जाता है तो ये हरे रंग के हो जाते हैं. साथ ही ये बीमार करने वाले आलू भी बन जाते हैं.