जो लोग मोटापे से परेशान हैं और मोटापे को दूर करने के लिए अनेक तरह के प्रयोग और पैसे बर्बाद कर के थक चुके हैं तो हम बता दें के ये प्रयोग मोटापे के लिए असरदायक होगा।
आप अपने रिजल्ट हमे जरूर बताएं। बिलकुल साधारण सा दिखने वाला ये प्रयोग सिर्फ थोड़े से दिनों में अपना रिजल्ट आपको दिखा जायेगा। और बड़ी बात ये है के ये प्रयोग बिल्कुल आसान है।
बढ़ते वजन की वजह से अगर आपको भी लगने लगा है कि आपकी पर्सनालिटी खराब हो रही है। इतना ही नहीं अपने मोटापे को छुपाने के लिए अब आपने ढीले-ढाले कपड़े पहनना या अंग्रेजी दवाओं का सहारा लेना भी शुरू कर दिया है तो पहले ये आज का आर्टिकल अपके लिए फायदेमंद होगा।
आजकल के युवा अपनी फिटनेस को लेकर बहुत सतर्क हो चुके हैं। हर कोई अपनी फिटनेस को मेन्टेन रखने के लिए जिम की ओर रुख करता हैं या फिर योगासन करता हैं।
अगर आप अपने पेट की समस्या से परेशान हैं तो हम आपके लिए कुछ बेहतर योगासन लेकर आये हैं जिससे आपका पेट कम हो सकता हैं।
पेट को अंदर करने के लिए इन योग का सहारा ले :
1. त्रिकोणासन : इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पैरों को फैला लें, जिसमें सीधा पैर बाहर निकाल लें। अब अपने हाथों को बाहर की ओर खोल लें और सीधे हाथ को धीरे-धीरे नीचे की तरफ सीधे पैर की ओर ले जाएं।
सीधी कमर के साथ नीचे की ओर देखें। अपनी सीधी हथेली को जमीन पर रखें और अपने उल्टे हाथ को ऊपर की ओर ले जाएं। इसी प्रक्रिया को दूसरी साइड से भी दोहराएं। यह हाथों और जांघों की चर्बी कम करता है।
2. वीर भद्रासन : अपने एक पैर को पीछे की ओर खींचकर, दूसरे पैर को आगे कूदने की मुद्रा में लें, जिसमें घुटने 90 डिग्री मुद्रा में हों और हाथों को जोडक़र सिर के ऊपर तक ले जाएं। पेट और कमर के लिए उत्तम आसन।
3. सूर्य नमस्कार : सूर्य नमस्कार एक बेहतर तरीका है, क्योंकि यह शरीर के लगभग हर संभव अंग की कसरत करता है। यह कंकाल प्रणाली की सहनशक्ति बढ़ाने, तनाव, वजन और चिंताओं को दूर करने में भी सहायक है।
4. ब्रिज मुद्रा : इस योग में आप पीठ के बल लेट जाएं और हाथ बगल में फैला लें। अब घुटनों को मोडक़र, उन्हें बाहर की तरफ फैला लें।
पेट वाले हिस्से से शरीर को ऊपर की ओर उठाएं, अपने हाथों से सहारा देकर, मुद्रा को कुछ देर तक बनाएं रखें। यह मुद्रा आपके हिप्स, जांघ, पेट और पीठ पर काम करेगी।
आप अपने भोजन पर ध्यान देकर भी वजन आसानी से कम कर सकते है
इस छोटे-से लेख में सारी बातें समेटना कठिन है. मैं यहां सिर्फ सूत्रों में वजन कम करने के कुछ सिद्धांत बताने की कोशिश करूंगा. इसलिए ‘कम लिखा, खूब जानियो’ की भावना से इन सूत्रों को हृदयंगम करने की कोशिश कीजिए.
सूत्र 1 : जितना शरीर को चाहिए उतना खाएं
यह बात कहना तो सरल है लेकिन मैं कैसे समझूं कि मुझे कितना खाना चाहिए? खाने बैठता हूं तो मन खूब खाने को करता है. फिर? यहां हम मन की मानते हैं और शरीर को भूल जाते हैं. कैलोरी उतनी ही खानी हैं जितनी आपके शरीर को चाहिए. एकदम आरामपसंद व्यक्ति को 1800 कैलोरी की जरूरत होती है और ऑफिस में बैठकर काम करने वाले को इससे 30 प्रतिशत ज्यादा यानी 2300 कैलोरी की जरूरत होती है. तो फिर क्या करें?
वैसे शुरू यों करें कि वजन ही न बढ़े. ऊपर दिए हिसाब से कैलोरी और खाना तय करें तो वजन ही न बढ़ेगा. अब सवाल है कि अपने खाने की कैलोरी कैसे पता करें?
सूत्र 2 : वास्तविक उद्देश्य ही तय करें
वजन कम करने के लिए किसी तरह के हवाई किले न बांधें. जैसे इस तरह की बात न कहें – देखना बेट्टा, छह महीने में बीस किलो कम करके दिखाता हूं… वजन धीरे-धीरे ही कम होता है. यह मानकर चलें कि वजन सालभर में छह-सात किलो तक कम हो सकता है. रोज-रोज वजन नापने की मशीन पर न चढ़ें और चढ़कर पचास-सौ ग्राम पर न ज्यादा उत्साहित हो जाएं, न दुखी.
सूत्र 3 : बहुत दिमाग न लगाएं
कागज-पेन लेकर रोज का रसोईघर का मेन्यू बनाने न बैठ जाएं. इसकी जगह एक सरल सा फॉर्मूला अपनाएं. अपने पूरे खाने की मात्रा से एक चौथाई कम कर दें. मीठी, तली चीजें न लें. मलाई-मक्खन बंद कर दें. दूध डबल टोंड ही लें. गणित लगाएं – अगर आप दिनभर में दो कप दूध लेते हैं तो मलाईदार दूध की जगह उतना ही टोंड दूध लें. सिर्फ इस एक कदम के जरिए ही सालभर में आप अपनी 46,200 कैलोरी कम करेंगे जो आपका लगभग साढ़े पांच किलो वजन कम कर देगा. इस तरह बैठे-बिठाए ही आप पांच-छह किलो वजन कम कर सकते हैं.
सूत्र 4 : कैलोरी के गणित के हिसाब से, स्वादानुसार बदल-बदलकर खाना लें
जो खाना आप प्राय: खाते रहते हैं उसके बारे में पता करें कि इसमें कितनी कैलोरी होती है. कई किताबों में यह सब मिल जाएगा. कुछ मोटी बातें बताऊंगा तो इसमें आपकी रुचि जगेगी. एक सामान्य चपाती से आपको 100 कैलोरी मिल सकती हैं. एक कटोरी पके चावल से 200 कैलोरी. अब आप अन्य खाद्य पदार्थों को रोटियों से मापें. सौ ग्राम मूंगफली = 184 कैलोरी = लगभग दो चपाती. चार कुकीज = 245 कैलोरी = ढाई चपाती. एक पिन्नी (मिठाई) = लगभग 700 कैलोरी = सात चपाती. एक कप वनीला आइसक्रीम = 350 कैलोरी = साढ़े तीन चपाती. एक गुलाब जामुन = 250 कैलोरी यानी ढाई चपाती.
इस तरह अपनी पसंद के सारे खाद्य पदार्थों की कैलोरी को रोटियों में तब्दील करके गणना कीजिए तो पता चलेगा कि दिनभर में आप कितनी चपातियां खा गए.
जिन छोटी चीजों को आप खाना मानते ही नहीं, वही सब मिलकर वजन बढ़ा रहे होते हैं. तो ऐसे में इन्हें न खाएं? जरूर खाएं. पर एक्सचेंज मानकर. यदि यहां कोई चीज 200 कैलोरी की अतिरिक्त खा ली तो खाने में 200 कैलोरी कम कर दें।
सूत्र 5 : आराम से, धीरे-धीरे चबा-चबा कर खाएं
आप खाते हैं तो मस्तिष्क के तृप्ति केंद्र तक खबर लगने में 15 मिनट तक लग जाते हैं. पांच मिनट में ही ठूंसकर खा जाएंगे तब आपका दिमाग तो आपको भूखे होने के संकेत भेजता रहेगा जबकि आप पांच मिनट में ही खूब खा चुके हैं. इस तरह आप ज्यादा खा जाएंगे।
सूत्र 6 : बीच-बीच में खाना बंद करें
अक्सर मेरे पास ऐसी मोटी महिलाएं आती हैं जो कहती हैं कि हम तो खाने में बस एक चपाती ही लेती हैं पर डॉक्टर साब वजन है कि … पति भी उनकी बात की पुष्टि करते हैं. ये वे भोले लोग हैं जो दिनभर चाय, नमकीन, समोसे, चिवड़ा आदि चरते रहते हैं और उसे खाने की गणना में जोड़ते ही नहीं. वजन कम करना तो यह बीच का खाना बंद कर दें।
सूत्र 7 : भूख मिटाने के लिए ऐसा खाएं जो तुरंत पच जाए
दुर्भाग्यवश हम ऐसा नहीं करते लेकिन करना यही चाहिए कि भूख लगे तो ऐसी चीज खाएं जो पेट भरे भी, और तुरंत पचकर खून में ग्लूकोज बढ़ाकर तृप्ति भी दे. जैसे कि सेब, केला, कोई और फल आदि. ये पेट भी भरते हैं और 15-20 मिनट में पच भी जाते हैं. पर हम क्या करते हैं? पकोड़े खा लेंगे, समोसा भकोसेंगे, मूंगफली खाएंगे. ये तुरंत पचने वाली चीजें नहीं हैं. हम खाए चले जाते हैं. 100 कैलोरी का बड़ा केला खाकर जो तृप्ति मिलती है वही भूख आप तीन सौ कैलोरी के प्लेटभर पकौड़े खाकर पूरी कर पाते हैं. इससे बचें.
सूत्र 8 – सीधे जीरो फिगर का लक्ष्य न रखें
पहले ठीक-ठाक सा वजन ही कम कर लें बस. वरना निराश होंगे. जीरो फिगर प्राप्त करने का जुनून एक तरह से बीमारी बन सकता है. ये सारे सूत्र मैंने भोजन के ही बताए हैं. कहीं भी व्यायाम की बात नहीं की. वह विषय ही अलग है और व्यायाम से वजन कम नहीं होता. इससे आपकी कार्यक्षमता और हृदय की ताकत आदि बढ़ती है लेकिन ये बातें फिर कभी।