राजीव दीक्षित जी के अनुसार कैंसर के patient को कैंसर से death नही होती है, जो treatment दिया जाता है उससे death होती है ” । माने कैंसर से जादा खतरनाक कैंसर का treatment है । Treatment कैसा है आप सभी जानते है .. Chemotherapy दे दिया, Radiotherapy दे दिया, Cobalt-therapy दे दिया । इसमें क्या होता है के शारीर का जो प्रतिरक्षक शक्ति है, Resistance वो बिलकुल ख़तम हो जाते है ।
जब Chemotherapy दिए जाते है ये बोल कर के हम कैंसर के सेल को मारना चाहते है तो अछे सेल भी उसी के साथ मर जाते है। हमारे पास कोई Chemotherapy लेने के बाद हम उनको बचा नही पाए । लेकिन इसका उल्टा भी रिकॉर्ड है .. हमारे पास बिना Chemotherapy लिए हुए कोई भी रोगी आया Second & third Stage तक वो एक भी नही मर पाया अभी तक ।
मतलब क्या है Treatment लेने के बाद जो खर्च आपने कर दिया वो तो गया ही और रोगी भी आपके हात से गया । डॉक्टर आपको भूल भुलैया में रखता है अभी 6 महीने में ठीक हो जायेगा 8 महीने में ठीक हो जायेगा लेकिन अंत में वो जाता ही है , कभी हुआ नही है के Chemotherapy लेने के बाद कोई बच पाया हो।
आपके घर परिवार में अगर किसीको कैंसर हो जाये तो जादा खर्चा मत करिए कियों की जो खर्च आप करेंगे उससे मरीज का तो भला नही होगा उसको इतना कष्ट होता है की आप कल्पना नही कर सकते। उसको जो injections दिए जाते है, जो Tablets खिलाई जाती है, उसको जो Chemotherapy दी जाती है उससे सारे बाल उड़ जाते है, भ्रू के बाल उड़ जाते है, चेहरा इतना डरावना लगता है के पहचान में नही आता ये अपना ही आदमी है।
इतना कष्ट कियों दे रहे हो उसको ? सिर्फ इसलिए के आपको एक अहंकार है के आपके पास बहुत पैसा है तो Treatment कराके ही मानुगा ! होता ही नही है वो, और आप अपनी आस पड़ोस की बाते जादा मत सुनिए क्योंकि आजकल हमारे Relatives बहुत Emotionally Exploit करते है । घर में किसीको गंभीर बीमारी हो गयी तो जो रिश्तेदार है वो पहले आके कहते है ‘ अरे All India नही ले जा रहे हो? PGI नही ले जा रहे हो ? Tata Institute बम्बई नही ले जा रहे हो ? आप कहोगे नही ले जा रहा हूँ मेरे घर में ही चिकित्सा …. अरे तुम बड़े कंजूस आदमी हो बाप के लिए इतना भी नही कर सकते माँ के लिए इतना नही कर सकते ” ।
ये बहुत खतरनाक लोग होते है !! हो सकता है कई बार वो Innocently कहते हो, उनका intention ख़राब नही होता हो लेकिन उनको Knowledge कुछ भी नही है, बिना Knowledge के वो suggestions पे suggestions देते जाते है और कई बार अच्छा खासा पड़ा लिखा आदमी फंसता है उसी में .. रोगी को भी गवाता है पैसा भी जाता है ।
पुनर्नवा, गौ मूत्र और हल्दी से हम आज केंसर के विभिन्न घरेलु इलाज की जानकारी देंगे |
हल्दी मै करक्यूमिन नाम का तत्व पाया जाता है जिससे केंसर को रोकने में रामबाणहैं| हल्दी का सेवन हर रोज भोजन मै करना चाहिए|
पुनर्नवा, गौ मूत्र और हल्दी से दवा कैसे बनानी है?
काली गाय का गौ मुत्र ले और ध्यान रखे की गाय गर्भ से ना हो| छोटी बछड़ी का मूत्र भी बेहतर रहता है| १ ग्लास गौ मूत्र मै १ चम्मच हल्दी डालकर धीमी आंच पर १० मिनिट तक उबाले| उबलने के बाद उसे ठंडा कर ले| इसके बाद उसे छान कर कांच की बोतल मै भर ले| हर रोज सुबह इसे खाली पेट और रात को सोते समय और दिन में कम से कम ३ बार १०-१० मिली जितना लेना चाहिए|
दूसरा प्रयोग – गौ मूत्र और हल्दी और गेंदे के फुल
ये तिन चीजे लीजिये, गेंदे के फुल की पिली या नारंगी पंखरिया निकाले| इस पंखरिया मै हल्दी और गौ मूत्र डालकर उसकी चटनी बनाये| चोट के हिसाब से फुल की संख्या लेनी है, चोट बडी हो तो दो,तिन अंदाजे से लेने है|
इस चटनी को खुली चोट पे जिससे खून निकल चूका है फिर भी ठीक नहीं हो रही है तब इसे दिन मै कमसे कम दो बार लगाना चाहिए| पहली बार लगाने के बाद उसपे पट्टी बांध दीजिये| इसके बाद जब शाम को वापस ये चटनी लगाये उस वक़्त पहले वाला धोना पड़ेगा| धोने के बाद फिर से चटनी लगा दीजिये|
डाइट चार्ट कैंसर के रोगियों लिए
केंसर के रोगियों फेफड़े, गुर्दे, अंतडीयो और त्वचा को साफ करे| एनिमा का उपयोग करके गुर्दों की सफाई करनी चाहिए|
४ दिन रोगियों को सिर्फ अंगूर, टमाटर,संतरे, निम्बू, नाशपाती आदि रसयुक्त फल दे| कच्ची सब्जियों का रस भी फायदेमंद होता है| लहसुन खाने से केंसर होने की सम्भावना कम हो जाती है|
१ kg पानी मै ४ चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर उबाले| ७५० ग्राम पानी रहे उतना रहने दीजिये फिर उसे छानकर दिन भर थोडा थोडा पीजिये|
सुबह खाली पेट
सुबह शौच के बाद खली पेट रोगी को काली देसी गाय जो गर्भवती न हो उसका आधा ग्लास गौ मूत्र आधा ग्लास पानी मिलकर पिलाना चाहिए|
सुबह का नाश्ता
१०० ग्राम पनीर मै १० से ३० मिली अलसी का तेल दाल कर उसे ब्लेंडर से मिला कर एक कर लीजिये| अगर घोल गाढ़ा होतो उसमे २-३ चम्मच अंगूर का रस भी मिला सकते है| अंगूर के रस के साथ द्राक्षासव या अन्गुरास्व १५ml दे|
देसी गाय के दूध से बना हुआ १ कटोरी जितना दही लेकर उसमे २०मिलि तुलसी का रस मिला कर उसका सेवन करे|
सुबह के नाश्ते के १ घंटे के बाद
तजा मुली, लौकी, गाजर, चुकंदर आदि का ताजारस ले| चुकंदर और गाजर से यकृत को ताकत मिलती है, जो केंसर का रोधी होता है| एक घंटे बाद देसी गाय के दूध से बनी छाछ में ५ पत्ते तुलसी के डालकर ब्लेंड कर दीजिये| इसके १ घंटे बाद ११ पत्ते पीपल के पत्ते और ११ पत्ते शीशम के कूट करचटनी बना कर दीजिये|
नाश्ते के ३ घंटे के बाद (१२ बजे के आसपास)
रोगी को पत्तागोभी का ज्यूस पिने को दीजिये| ये रस बेहद असरकारक होता है|
दोपहर का खाना
कच्ची सब्जिया जैसे गाजर, मुली, गोभी आदि के सलाद दे| इसके अलावा उबली या भाप मै पकी सब्जियो के साथएक दो आटे की रोटी ले सकते है| इसके साथ नारियल, लहसुन और प्याज का भी इस्तेमाल कर सकतेहै|
दोपहर के खाने के ३ घंटे के बाद
एक ग्लास जितना अंगूर के रस मै आधा चम्मच कलौंजी का तेल और एक चम्मच अलसी की पीसकर मिलाये और उसे चबाये| चबा कर उसे लार मै मिलाकर उसकी चुस्किय ले|
सांयकालीन भोजन
बिना तेल डाले सब्जियों का सूप बनाये| इसमें दालचीनी, हल्दी इत्यादि दाल सकते है| पालक, शतावर, पत्ता गोभी, हरी गोभी, चुकंदर, गाजर, प्याज, आदि का सेवन कर सकते है| फलो मै पपीता और उसके बिज खा सकते है|
रात मै सोते समय
५०मिलि जितना गौ मूत्र और उसमे ५०मिलि पानी पिलाये|इसे एक बार उबाले और उसके बाद उसमे आधा चम्मच हल्दी मिलाकर उसे घुट घुट पीजिए|
आवश्यक परहेज
केंसर के रोगियों कोचीनी से बनी हुई कोई भी चिह या कार्बोहायड्रेट जिसमे ज्यादा हो वो नहीं लेनी चाहिए|
अगर उलटी जैसा होतो २-२ घंटे मै पोदीना और अदरक का रस २-२ चम्मच देते रहना चाहिए|
अगर किसी तरह का दर्द हो तो रोगियों को आधा चम्मच अश्वगंधा का चूर्ण पानी के साथ दिन में २ बार पानी या ज्यूस के साथ देना चाहिए|