हार्ट अटैक की समस्या एक आम बात हो गयी है और दिनोंदिन इसके मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसकी मुख्य वजह है खान-पान में लापरवाही, मानसिक तनाव, उच्च रक्तचाप या फिर भरी भरकम सामान उठाना, इन्ही कारणों से हार्ट अटैक होने की संभावना ज्यादा रहती है। हार्ट अटैक किसी भी उम्र के इन्सान को हो सकती है और यह अचानक होने वाली समस्या है।

हार्ट अटैक आने से पहले कुछ लक्षण सामान्य होतें हैं जिनसे हार्ट अटैक की संभावनाओं का पता चल जाता है। ऐसे समय में सांस फूलना आम बात हैं। ऐसे में ज्यादा पसीना, सीने में दर्द और जलन, उल्टी आना, सिल चकराना, घबराहट होना और पेट में दर्द होना महसूस होता है।

यह बहुत ही खतरनाक बीमारी है और इसमें मरीज को बचाने के लिए बहुत कम समय मिल पाता है. लेकिन हार्ट अटैक के दौरान सोच-समझकर काम किया जाए तो मरीज की जान बच सकती है। यहाँ आज हम All Ayurvedic के माध्यम से हार्ट अटैक की समस्या से निजात पाने के लिए कुछ उपाय बताने जा रहे हैं, जिसे फॉलो करके किसी मरीज की जान बचाई जा सकती है।

यह लक्षण दिखाई दे तो आने वाला है हार्ट अटैक

चक्कर आना : जब आपका दिल कमजोर हो जाता है, तो उसके द्वारा होने वाला रक्त का संचार भी सीमित हो जाता है। ऐसे में दिमाग तक आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती, जिससे निरंतर चक्कर आना या सिर हल्का होना जैसी समस्याएं होने लगती हैं। यह हार्ट अटैक के लिए जिम्मेदार एक गंभीर लक्षण है, जिस पर आपको तुरंत ध्यान देना चाहिए।

शरीर मे सूजन : जब दिल को शरीर के सभी आंतरिक अंगों में रक्त पहुंचाने के लिए अधि‍क मेहनत करनी पड़ती है, तो शि‍राएं फूल जाती हैं और उनमें सूजन आने की संभावना बढ़ जाती है। इसका असर खास तौर से पैर के पंजे, टखने और अन्य हिस्से में सूजन के रूप में नजर आने लगता है। इसके कभी-कभी होंठों की सतह पर नीला होना भी इसमें शामिल है।

बेवजह थकान आना : बगैर किसी मेहनत या काम के थकान होना भी हार्ट अटैक की दस्तक हो सकती है। जब हृदय धमनियां कोलेस्ट्रॉल के कारण बंद या संकुचित हो जाती हैं, तब दिल को अधि‍क मेहनत करने की आवश्यकता होती है, जिससे जल्द ही थकान महसूस होने लगती है। ऐसी स्थि‍ति में कई बार रात में अच्छी खासी नींद लेने के बाद भी आप आलस और थकान का अनुभव करते हैं, और आपको दिन में भी नींद या आराम की जरुरत महसूस होती है।

सांस लेने में तकलीफ : इनके अलावा सांस लेने में अगर आपको किसी प्रकार का परिवर्तन या कमी का एहसास होता है, तो यह भी दिल के दौरे का लक्षण हो सकता है। जब दिल अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाता तो फेफड़ों तक उतनी मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती जितनी आवश्यकता होती है। इस वजह से सांस लेने में कठिनाई होती है। अगर आपके साथ भी ऐसा ही कुछ होता है, तो बगैर देर किए डॉक्टर को जरूर दिखाएं।

सीने में दर्द और असहजता : यह दिल के दौरे के लिए जिम्मेदार लक्षणों में से एक है। सीने में होने वाली किसी भी प्रकार की असहजता आपको दिल के दौरे का शि‍कार बना सकती है। खास तौर से सीने में दबाव या जलन महसूस होना। इसके अलावा भी अगर आपको सीने में कुछ परिवर्तन या असहजता का अनुभव हो, तो तुरंत अपने चिकित्सक से सलाह लें।

हार्ट अटैक आने पर तुरंत करें ये उपाय

एम्बुलेंस की व्यवस्था : अगर किसी इन्सान को हार्ट अटैक आता है तो सबसे पहले आप उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए कॉल करके एम्बुलेंस की व्यवस्था करें ताकि उन्हें जल्द ही उचित इलाज मिल सके. अगर आपके पास पर्सनल वाहन हो तो उसे अस्पताल रवाना करने हेतु तैयारी करें।

मरीज को जमीन पर लेटा दें : एम्बुलेंस सुविधा के लिए कॉल करने बाद मरीज को जमीन पर सीधा लेटा दें, ध्यान रहें मरीज को जमीन से 150 डिग्री एंगल में लेटाया जाना चाहिए, जिसमे मरीज की पैर ऊपर हो और सिर नीचे. ऐसा करने से रक्त संचार सही तरह से होता है और उनकी हार्ट स्वस्थ होने के चांसेस रहते हैं।

जोर-जोर से खांसने को कहें या सीपीआर (CPR) दें : अगर मरीज पूरी तरह से होश में हैं और वह अपनी अंगों की प्रतिक्रिया करने में सक्षम है तो उन्हें लम्बी साँस लेकर जोर-जोर से खांसने को कहें। अगर मरीज बेहोश हो गया है और उनकी साँस भी नहीं चल रही है तो इस दौरान सीपीआर (CPR) का सहारा ले सकते हैं।

सीपीआर (CPR) देने के लिए आप भी जमीन पर घुटनों के बल बैठ जाएँ और मरीज की सीने के बीच में अपने दोनों हथेलियों की सहायता से 100 बार प्रति/मिनट की दर से प्रेस करें। 30 बार प्रेस करने के बाद मरीज के नाक को दबाकर उनके मुंह पर अपना मुंह रखकर 2 बार जोर से फूंकें और फिर पुनः प्रेस करते रहें।

इन सब उपाय करने के बाद मरीज को नजदीक के अस्पताल में ले जाएँ। इस तरह हार्ट अटैक के दौरान हमारे द्वारा बताये गये इन उपाय को अपनाने पर मरीज की जान बच सकती है।

आयुर्वेद से दिल का इलाज

आयुर्वेद की मदद से बिना एंजियोप्लास्टी के करीब 80 फीसदी हार्ट अटैक की संभावना को टाला जा सकता है। इससे दिल की दूसरी बीमारियां भी कम हो जाती है। दिल में खून सही मात्रा में नहीं पहुंचना हार्ट अटैक की संभावना को बढ़ा देता है ऐसे में हार्ट ब्लॉकेज को खोलने के लिए चिकनाई से पैदा होने वाले एसिड को खत्म किया जाता है।

दिल की बीमारियां भी इससे खत्म हो जाती हैं। दिल की बीमारियां एसिडिटी के कारण होती है पेट में जब एसिडिटी अधिक हो जाती है तो एसिड खून में मिल जाता है और रक्त वाहिनियों में एसिड ब्लड आगे नहीं बह पाता और ब्लॉकेज की समस्या उत्पन्न होती है।

लौकी है बहुत फायदेमंद

हार्ट अटैक का आयुर्वेदिक इलाज करने के लिए ब्लड एसिडिटी को क्षारिय वस्तुएं खाने की सलाह दी जाती है। इसे खाने से ब्लड में अम्लता घट जाती है और ब्लॉकेज खुल जाता है। ऐसे में लौकी की सब्जी और लौकी का जूस फायदेमंद है, जो रक्त की अम्लता कम करती है।

लौकी के रस में तुलसी और पुदीना मिलाएं

लौकी की जूस में तुलसी की पत्ते को मिला कर पिया जा सकता है। तुलसी की पत्ती में क्षारीय गुण होते हैं इसके अलावा पुदीना भी मिला कर पीने पर लाभ मिलता है। इसके स्वाद को बदलने के लिए आप सेंधा नमक मिला सकते हैं इससे कोई हानी नहीं होगी।