होली दहन | ज्योतिष | राशियां
हिंदू धर्म के बड़े त्योहारों में से एक होली है। हिन्दू धर्म में इस पर्व का बहुत अधिक महत्व है। भारतीय हिन्दू पंचांग के अनुसार, होली फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है. होली के त्योहार को रंगों का त्योहार भी कहा जाता है। हिन्दू धर्म के मुताबिक, यह पर्व 2 दिन मनाया जाता है. इसमें सबसे पहले दिन होलिका दहन किया जाता है और दूसरे दिन रंग वाली होली खेली जाती है।
होलिका दहन कार्यक्रम अब से कुछ देर बाद ही शुरू होने जा रहा है। वर्षों बाद इस बार होलिका दहन में भद्रा नहीं है यानी बहुत ही शुभ महुर्त में आज होलिका दहन होगा। पूरे भारत में कल धुलेंडी और रंगों की होली खेली जाएगी। 10 मार्च 2020 को रंग वाली होली मनाई जाएगी।
रंगों और उत्साह का पर्व होली आज होलिका दहन के साथ ही शुरू हो जाएगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त प्रदोष काल से मध्यरात्रि से कुछ समय पूर्व तक है। प्रदोष काल सूर्यास्त 6:42 बजे से लेकर निशामुख रात्रि 11 बजकर 26 मिनट तक है। होलिका दहन के दिन सुबह 6:08 मिनट से लेकर दोपहर 12:32 बजे तक भद्रा है। भद्रा को विघ्नकारक माना गया है।
रंगों के महापर्व होली में होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा पर नौ मार्च को पूर्वफाल्गुन नक्षत्र में सोमवार को प्रदोष काल से लेकर निशामुख रात्रि 11 बजकर 26 मिनट तक किया जाएगा। ज्योतिष विद्वानों का कहना है कि यह संयोग काफी खास है। होली पर राशि के अनुसार आहुति देने से विशेष लाभ प्राप्त होगा।
ज्योतिष विद्वानों के मुताबिक होलिका दहन की भस्म को काफी पवित्र माना गया है। इस आग में गेहूं, चना की नई बाली, गन्ना को भूनने से शुभता का वरदान मिलता है। होली के दिन संध्या बेला में इसका टीका लगाने से सुख-समृद्धि और आयु में वृद्धि होती है।
इस दिन नई फसल और खुशहाली की कामना भी की जाती है। इस दिन होलिका की आग में सेंक कर लाए गए धान्यों को खाने से काया हमेशा निरोगी रहती है। घर में माता अन्नपूर्णा की कृपा बनी रहती है।
होलिका पूजन से अनिष्टता का नाश
भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित राकेश झा शास्त्री का कहना है कि नौ मार्च को होलिका दहन का शुभ मुहूर्त मिथिला पंचांग के अनुसार प्रदोष काल से मध्यरात्रि तक है जबकि बनारसी पंचांग के अनुसार प्रदोष काल से लेकर निशामुख रात्रि 11 बजकर 26 मिनट तक है। होलिका दहन के दिन सुबह छह बजकर आठ मिनट से लेकर दोपहर 12:32 बजे तक भद्रा है इसीलिए होलिका दहन भद्रा के बाद किया जाता है। भद्रा को विघ्नकारक माना गया है। भद्रा में होलिका दहन करने से हानि और अशुभ फल मिलते हैं।
ऐसा माना जाता है कि होलिका दहन के दिन किए गए उपायों की मदद से आप अपने घर की पैसों की तंगी को दूर कर सकते हैं। इन उपायों को करने से ना सिर्फ आपको व्यापार में लाभ मिलेगा, बल्कि जीवन में आपकी सफलता के रास्ते भी खुल जाएंगे। हम आपको कुछ उपाय बता रहे हैं, जिन्हें राशि अनुसार करने से सभी संकट दूर हो जाएंगे।
राशियों अनुसार उपाय – ज्योतिष और वास्तुशास्त्र
मेष : इस राशि वाले जटा वाला एक नारियल लें. उसे घर के मन्दिर में स्थापित करें. कुमकुम, साबुत चावल और बताशे रखकर पूजा करें. उसपर लाल कलावा अपनी समस्या बोलते हुए बांध दें. होलिका दहन के समय उस नारियल को होली की अग्नि में डाल दें. आपके स्वास्थ्य की सारी समस्याएं खत्म होंगी।
वृषभ : इस राशि के लोग गुलाबी वस्त्र में 11 सुपारी और 5 कौड़ियां बांधें. इस वस्त्र पर चंदन का इत्र लगाएं और अपने ऊपर से 7 बार वार लें. अब इसे होली की अग्नि में डाल दें. रोजगार की सारी मुश्किलें दूर होंगी. गुलाबी रंग का अबीर अपनी पत्नी को लगाएं. इससे कलह क्लेश खत्म होंगे।
मिथुन : इस राशि के लोग भगवान गणेश के सामने 27 मखाने रखें. शुद्ध घी का दीपक जलाएं. चन्द्र देव की पूजा करें. अपनी इच्छा बोलते हुए मखाने दाएं हाथ से होली की अग्नि में डालें. नौकरी की परेशानिया खत्म होंगी, हरे रंग के गुलाल मित्रों को लगाएं दोस्ती में मजबूती आएगी।
कर्क : इस राशि के सभी लोग गेंहू और चावल के आटे का एक चौमुखी दीपक बनाएं. इसमें तिल का तेल डालकर घर के मुख्य द्वार पर जलाएं. होलिका की अग्नि में जौ के 27 दाने दाम्पत्य जीवन के सुखी होने की इच्छा से डालें. सफेद अबीर शिवलिंग पर लगाएं मन शांत होगा।
सिंह : इस राशि के वाले साबुत पान का एक पत्ता लें, उस पर 1 सुपारी और घी में डूबे 2 जोड़े लौंग के रखें. एक बताशा भी रखें. सारी सामग्री को अपने सिर से 7 बार वारकर होली की अग्नि में डालें. बिगड़े हुए काम बनने लगेंगे, मरून गुलाल बड़े बूज़ुर्गों को लगाएं. सभी परेशानी खत्म हो जाएंगी।
कन्या : इस राशि के लोग 11 लौंग के जोड़े और 11 हरी दूर्वा लें. अपने बच्चों का हाथ लगवाकर घर के मंदिर में रखें. इसके बाद होली की अग्नि में सारी सामग्री डाल दें. आपके बच्चे बुरी नजर से बचे रहेंगे. हरा गुलाल भाई बहनों को लगाएं. इससे आपसी प्यार बढ़ेगा।
तुला : इस राशि के सभी लोग पीपल के पत्ते पर 1 जायफल, थोड़े साबुत चावल और मिश्री रखें. घर से घुमाते हुए होली की अग्नि में डाल दें. घर के मुख्य द्वार पर रोली से ॐ का चिन्ह बनाएं. इससे पारिवारिक कलह क्लेश खत्म होंगे. गुलाबी अबीर प्रेमी या प्रेमिका को लगाएं प्यार बढ़ेगा।
वृश्चिक : इस राशि के लोग पान के 1 पत्ते पर एक साबुत सुपारी, 5 कमलगट्टे घी में डुबाकर रखें. ॐ हनुमते नमः मन्त्र 27 बार बोलें और अग्नि में डाल दें. व्यापार और साढ़ेसाती की समस्या खत्म होगी. लाल गुलाल अपने सहपाठियों को लगाएं. ऐसा करने से रिश्ता मजबूत होगा।
धनु : इस राशि के लोग एक नारियल काटकर उसमें एक मुट्ठी सात अनाज भरकर घर के मंदिर में रखें. होलिका दहन के समय उस गोले को माथे से स्पर्श कराकर होली की अग्नि में डाल दें. नवग्रहों की पीड़ा खत्म होगी पीला अबीर अपने गुरु को लगाएं आशीर्वाद मिलेगा।
मकर : इस राशि के लोग एक पीपल के पत्ते पर आधा मुट्ठी काले तिल रखें. अपनी इच्छा बोलकर पत्ते को घर की पश्चिम दिशा में रखें. शाम के समय अपने ऊपर से सात बार वारकर होली की अग्नि में डाल दें. नजरदोष और कलह क्लेश से छुटकारा मिलेगा. जामुनी गुलाल अपने व्यापारी मित्रों को लगाएं. इससे व्यापारिक रिश्ते मजबूत होंगे।
कुंभ : इस राशि के लोग पान के पत्ते पर उतने काली उड़द के दाने रखें जितनी आपकी उम्र है. मन की इच्छा बोलें और होली की अग्नि में डाल दें. इस प्रयोग से जमीन जायदाद के झगड़े खत्म होंगे. नीला गुलाल पीपल पर और परिवार के लोगों को लगाएं. ऐसा करने से मानसिक परेशानियां खत्म होंगी।
मीन : इस राशि के लोग एक बड़े पान का पत्ते लें. इस पर एक मुट्ठी हवन सामग्री, एक हल्दी की गांठ साबुत सुपारी और कपूर रखें. होलिका की 7 परिक्रमा करके अग्नि में डाल दें. शारीरिक कष्ट कम होंगे और मन प्रसन्न रहेगा. पीला या केसरी अबीर अपने गुरु बंधुओं को लगाने से जिंदगी की मुश्किलें खत्म होंगी।
अंत मे आप सभी को पूरे परिवार सहित All Ayurvedic की तरफ से होली की हार्दिक शुभकामनाएं