त्रिफला का उपयोग हजारों सालों से होता चला आ रहा हैं। हरड़, बहेडा, तथा आंवला इन तीनों को मिलाकर जो चूर्ण तैयार किया जाता हैं, उसे त्रिफला कहते हैं। बाजार में त्रिफला पावडर तथा गोली दोनों रूप में उपलब्ध होता हैं।
त्रिफला यह एक बहुत ही स्वास्थवर्धक आयुर्वेदिक जडीबुटी है। जिसके नियमित रूप से सेवन करने से हमारे शरीर में किसी भी रोग से लडने की क्षमता प्राप्त होती है तथा विभिन्न प्रकार के रोग दूर होने में भी काफी सहायता मिलती है। रात को सोते वक़्त त्रिफ़ला लेना सबसे उत्तम माना है लेकिन आप इसको सुबह उठ कर भी ले सकते है।
घर पर त्रिफ़ला बनाने का सही तरिका :
दो तोला हरड बड़ी मंगावे। तासू दुगुन बहेड़ा लावे ।।
और चतुर्गुण मेरे मीता। ले आंवला परम पुनीता।।
कूट छान या विधि खाय। ताके रोग सर्व कट जाय ।।
त्रिफला का अनुपात होना चाहिए :
1 : 2 : 3 =1(हरड )+ 2(बहेड़ा )+3 (आंवला ) मतलब जैसे आपको 100 ग्राम त्रिफ़ला बनाना है तो 20 ग्राम हरड + 40 ग्राम बहेडा + 60 ग्राम आंवला अगर साबुत मिले तो तीनो को पीस लेना और अगर चूर्ण मिल जाए तो मिला लेना।
त्रिफला लेने का सही नियम
सुबह अगर हम त्रिफला लेते हैं तो उसको हम “पोषक ” कहते हैं |क्योंकि सुबह त्रिफला लेने से त्रिफला शरीर को पोषण देता है जैसे शरीर में vitamine, iron, calcium, micronutrients की कमी को पूरा करता है एक स्वस्थ व्यक्ति को सुबह त्रिफला खाना चाहिए |
सुबह जो त्रिफला खाएं हमेशा गुड के साथ खाएं |
रात में जब त्रिफला लेते हैं उसे “रेचक ” कहते है क्योंकि रात में त्रिफला लेने से पेट की सफाई (कब्ज इत्यादि )का निवारण होता है|
रात में त्रिफला हमेशा गर्म दूध के साथ लेना चाहिए |
त्रिफला के 10 फ़ायदे :
कब्ज : त्रिफला का चूर्ण शरीर में होने वाली कब्ज की समस्या को दूर करने में बहुत ही फायदेमंद हैं। रात को सोते समय 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने दूध अथवा गुनगुने पानी के साथ लेने से कब्ज की परेशानी दूर होने लगती हैं।
आंखो की समस्या : त्रिफला के नियमित सेवन से हमारे आंखों की दृष्टी में आश्चर्यजनक वृद्धि होने लगती हैं। एक चम्मच त्रिफला चूर्ण, 10 ग्राम गाय का घी, 5 ग्राम शहद एक साप मिलाकर यदि आप इसका नियमित सेवन करें तो आंखों से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएँ (मोतिया बिंद, दृष्टिदोष, कांचबिंदु) दूर होने में सहायता प्राप्त होती हैं।
रोगप्रतिरोधक शक्ति : त्रिफला चूर्ण को खाने से हमारे शरीर में रोगप्रतिरोधक शक्ति का निर्माण होता हैं तथा अन्य प्रकार की बीमारीयों से लडने की शक्ति प्रदान होती हैं।
शारीरिक कमजोरी : त्रिफला चूर्ण को खाने से हमारे शारीरिक कमजोरी को दूर करने में मदद मिलती है। यह हमारे शरीर में हिमोग्लोबीन की मात्रा तथा लाल रक्त कोशिकाओं की मात्रा बढाता हैं। जिससे शरीर में कमजोरी महसूस नहीं होती।
वजन कम करे : यदि आपको अपना वजन कम करना हैं तो आप त्रिफला चूर्ण का नियमित सेवन करें। इसको खाने से शरीर में वसा की मात्रा को कम होती है। जिससे आपको मोटापे की समस्या नहीं होती तथा आपका शारीरिक वजन नियंत्रण में रहता है।
पेट संबंधी समस्याए : त्रिफला चूर्ण आपके शारीरिक भूख को बढ़ाता है। यह हमारे पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने में बहुत ही लाभदायक है। यह प्राकृतिक रूप से पाचनतंत्र को साफ करके पाचनशक्ति बढ़ाता है।
एंटी-ऑक्सिडेंट : त्रिफला चूर्ण में प्राकृतिक रूप से एंटी-ऑक्सिडेंट पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर में पाए जाने वाले विषैले रासायनिक पदार्थों को बाहर निकालने में हमारी मदद करते हैं। त्रिफला चूर्ण हमारे शरीर में मौजूद रक्त को साफ करता हैं, तथा हमारे शरीर में पाए जाने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में एक अत्यंत ही प्रभावशाली तथा प्राकृतिक उपाय है।
बालों की समस्याएँ : त्रिफला चूर्ण प्राकृतिक रूप से हमारे बालों का सौंदर्य बनाए रखता है। त्रिफला चूर्ण में विटामिन सी तथा अन्य प्रकार के पोषक-तत्व (ओमेगा 3, फैटी एसिड) पाए जाते है। जो हमारे बालों के लिए बहुत ही फायदेमंद हैं। त्रिफला चूर्ण के सेवन से हमारे बालों की जडों को मजबूती प्रदान होती हैं, तथा साथ ही साथ बालों में पाए जाने वाली रूसी की समस्या से भी छुटकारा मिलने लगता हैं।
एंटी कैंसर औषधि : त्रिफला चूर्ण को खाने से शरीर में किसी भी प्रकार के ट्यूमर की रोकथाम होती है। यह हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के कैंसर को होने से रोकने के लिए भी प्रभावशाली एंटी कैंसर औषधि है।
फुर्तीला तथा तंदुरूस्त शरीर पाए : अगर आपको अत्याधिक रूप से शारीरिक थकान महसूस हो रही है, तो आपको प्रतिदिन त्रिफला चूर्ण का प्रयोग करना चाहिए। इससे आप अपने आप को फुर्तीला तथा तंदुरूस्त महसूस करने लगते हैं।
सावधानी : दुर्बल, कृश व्यक्ति तथा गर्भवती स्त्री को एवं नए बुखार में त्रिफला का सेवन नहीं करना चाहिए।